तुम्हारे होने से ही तो मेरे दिल को करार है ।
हाँ तुम ही हो वो जिससे मुझे बेपनाह प्यार है ।
तुम्हारी बेरुखी दिल में किसी काँटे की तरह हर वक़्त चुभती रहती है मैं समझ नहीं पाता कि आखिर मुझसे ऐसी कौन सी गलती हो गयी है जिसके लिए तुम मुझे यूँ पल-पल सताती हो। अगर मुझसे कोई भूल हुयी है तो मुझे कोई सजा दो पर इस तरह मुझसे मुँह न मोड़ो ।
तुम्हारा इस तरह मुझसे रूठ जाना मुझे बहुत दर्द देता है एक-एक लम्हा ऐसे कटता है जैसे मैं कोई मुजरिम हूँ। जिसका कसूर न तुम बताती हो और न ये वक़्त फिर किससे पूछू कि मेरी खाता क्या है ?
हो सके तो, वक़्त रहते इस नादान से लड़के को उनका गुनाह बता देना । कहीं ऐसा न हो कि तुम्हारे प्यार में पागल ये लड़का, तुम्हारी बेरुखी की आग में जलकर खाक हो जाये और तुम्हें उसकी राख तक न मिले ।
किसी रोज थम जाएँगी ये धड़कनें ।
हमे यूँ बेवजह सताया न करो ।
1 comments:
Click here for commentsSad
जब आये लब पे तो दुआ कीजिए ।
हमारे लिए भी चंद अल्फाज अपनी जुबां कीजिए ।
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शुक्रिया,,,,,
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