आज की दौड़ती-फिरती जिंदगी में, इंसान हर
वक़्त खुद-को किसी उलझन, किसी समस्या में गिरा पाता है। किसी कार्य जल्द
ख़त्म करने की चाह में हर वक़्त परेशां रहता है। किसी लक्ष्य को कम समय में
हासिल करने की लालसा में हर समय दिमाग पर चिड़चिड़ापन सवार रहता है।
सच
बात तो यह कि आज के समय में एक इंसान सबको वक़्त देता हैं सिवाय अपने, वो
कभी खुद को जान ही नहीं पाता है बस दुनिया की आपाधापी में लगा रहता है ।
कभी खुद के साथ दो मिनट का वक़्त नहीं बिताता। गर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है
तो यार कुछ पल निकालकर इक बार खुद से मिलो, खुद-को जानने की कोशिश करो कि
आपका चैन-ओ-सुकून कहाँ गुम है।
जब आये लब पे तो दुआ कीजिए ।
हमारे लिए भी चंद अल्फाज अपनी जुबां कीजिए ।
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शुक्रिया,,,,,
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