Ramjaan Shayari - खुदा की इबादत में

ramjaan-mubaraq

बरसतीं हैं रहमतें इस महीने में !
मिलता है सुकून रमजान के महीने में !
झुकते हैं तमाम सर खुदा की इबादत में मगर,
किस्मत वाले हैं वो जो सजदे करते हैं मदीने में !
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6 comments

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27/5/17 3:48 pm ×

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (28-05-2017) को
"इनकी किस्मत कौन सँवारे" (चर्चा अंक-2635)
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक

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Dev Kumar
admin
27/5/17 4:32 pm ×

आदरणीय शास्त्री जी।
आपने मेरी लिखी रचना को चर्चा के काबिल समझा उसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Dev Kumar
admin
28/5/17 4:45 pm ×

Thanks Anil ji

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4/6/17 9:26 am ×

बहुत ख़ूब !सुंदर रचना "एकलव्य"

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Dev Kumar
admin
4/6/17 11:21 am ×

हमारे ब्लॉग पर आपका स्वागत है ध्रुव जी।
इस नाचीज़ की रचना पर प्रतिक्रिया देने के लिए धन्यवाद।

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जब आये लब पे तो दुआ कीजिए ।
हमारे लिए भी चंद अल्फाज अपनी जुबां कीजिए ।

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अगर आपको मेरी लिखी कोई भी रचना पसंद आयी हो तो इस पेज को फॉलो करें और मेरी लेखनी को समर्थन देकर मुझे आगे लिखने के लिए प्रोत्साहित करें।
शुक्रिया,,,,,

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