जैसा कि मशहूर लेखन श्री चेतन भगत जी 22 मार्च को कहा "राम मन्दिर बनाने के लिए हिन्दुओं को भीख सी मांगनी पड़ रही है।" ये वास्तव में चिंताजनक बात है कि अयोध्या जैसी जगह पर राम मन्दिर बनाने के लिए हिन्दुओं को भीख मांगनी पड़ रही है। आखिर क्यों भीख मांगनी पड़ रही हिन्दुओं को, क्या अयोध्या नगरी श्री राम की नगरी नहीं, क्या श्री राम जी का जन्म अयोध्या में नहीं हुआ था। क्या अयोध्या जैसी जगह पर श्री राम मंदिर बनाने के लिए किसी प्रमाण की जरुरत है ?
अयोध्या का नाम जुबान पर आते ही आँखों के सामने श्री राम जी तस्वीर उभर आती है और मन से एक ही तरंग फूटती है अयोध्या-पति श्री राम, श्री राम, श्री राम .......?
क्या झूठे थे ऋषी बाल्मीकि जिन्होंने रामायण में श्री राम जन्म का सीधा संबंध अयोध्या से किया था।
क्या झूठे थे गुस्वामी तुलसीदास जिन्होंने श्री राम चरितमानस में श्री राम का जन्म स्थान अयोध्या बताया है। क्या ये भी झूठ है कि राजा दशरथ अयोध्या के राजा थे। क्या वो सैकड़ों ग्रन्थ भी झूठे हैं जो अयोध्या में श्री राम जन्म की गवाही देते हैं। क्या वो इतिहासकार भी झूठे हैं जो सालों की मेहनत के बाद ये बताते हैं कि अयोध्या ही श्री राम जन्मभूमि है।
4 comments
Click here for commentsआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (09-04-2017) को
Reply"लोगों का आहार" (चर्चा अंक-2616)
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय श्री शास्त्री जी।
Replyमेरी रचना को आपने चर्चा के काबिल समझा।
ये शर्म की बात है सभी के लिए देश के हिन्दू मुस्लिम सभी के लिए ... हिन्दू इसलिए की अभी भी जूझ रहे हैं अपने ही लोगों से और मुस्लिम इसलिए की समझ नहीं पा रहे की इस मिटटी, इस संस्कृति ने उन्हें क्या क्या दिया है और शायद इसलिए ही दिया है क्योंकि ये राम के आदर्शों हैं ...
Replyराम के आदर्शों को ताक पर सब राजनीती कर रहे है।
Replyजब आये लब पे तो दुआ कीजिए ।
हमारे लिए भी चंद अल्फाज अपनी जुबां कीजिए ।
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शुक्रिया,,,,,
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