Ishq Shayari-Katra-Katra

कभी सुबह रहता तो कभी शाम रहता है।
मेरी धड़कनों में बस तेरा नाम रहता है।
कैसे भूल जाऊँ तेरे साथ बिताए लम्हें,
जिस्म का कतरा-कतरा तेरे नाम से बदनाम रहता है।

Kabhi Subah Rahta To Kabhi Sham Rahta Hai.
Meri Dhadkano Mai Bas Tera Naam Rahta Hai.
Kaise Bhul Jaun Tere Sath Bitaye Lamhe,
Jism Ka Katra-Katra Tere Naam Se Badnaam Rahta Hai.
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जब आये लब पे तो दुआ कीजिए ।
हमारे लिए भी चंद अल्फाज अपनी जुबां कीजिए ।

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