नोट बंदी पर तंज कसने वाले देखें दंगल की कमाई
नोट बंदी पर बड़े-बड़े नेताओं द्वारा दिए गए बड़े-बड़े भाषणों में साफ़ तौर पर ये कहा गया था कि केंद्र सरकार के इस फैसले से आम लोगों की समस्या बढ़ जायेगी, वो कहाँ से पैसे लाएंगे, कैसे अपनी निजी ज़िन्दगी की चीज़ों को ख़रीद पाएंगे, कैसे अपने बच्चों का पालन-पोषण करेंगे, कैसे उनके स्कूल की फ़ीस भरेंगे और न जाने क्या-क्या अपने भाषणों के दौरान केंद्र सरकार के विरोध और आम जनता के हितेशी बनने वाले नेताओं ने क्या ये सोचा होगा कि जिन लोगों के हित में हम बोल रहे एक दिन वही हमें गलत साबित कर देंगे । नोट बंदी के 45-46 वें दिन आयी दंगल फ़िल्म ने कमाई के मामले में कई सुपरहिट फिल्मों को पछाड़ कर रख दिया है वो भी सिर्फ 3 दिन में।अब उन नेताओं से पूछा जाये कि जो आम जनता उनकी निग़ाह में नोट बंदी से परेशां थी अचानक उसके पास पैसे कहाँ से आ गए क्योंकि फिल्मों की कमाई भी तो जनता के पैसों से होती है ऐसा तो नहीं कि आम जनता फ़िल्म देखने न जाये और फ़िल्म कमाई के बड़े-बड़े रिकॉर्ड तोड़ दे । एक दिन में करोड़ों की कमाई करे, भई मोदी जी कहा सिर्फ 50 दिन में स्थिति सामान्य हो जायेगी, और हुआ भी वही दंगल फ़िल्म की कामयाबी ने साबित कर दिया कि स्थिति सामान्य हो चुकी है कही भी आम जनता परेशान नहीं है परेशान तो वो लोग हैं जो काली कमाई को ठिकाने नहीं लगा पा रहें हैं । बौखलाहट में आके वो केंद्र सरकार पर तंज पे तंज कसे जा रहे हैं। ऐसे लोगों पर एक पुरानी कहावत एक दम सटीक बैठती है ।
खीसियानी बिल्ली............................................ कृपया कमेंट करके कहावत को पूरा करें ।
नोट बंदी पर बड़े-बड़े नेताओं द्वारा दिए गए बड़े-बड़े भाषणों में साफ़ तौर पर ये कहा गया था कि केंद्र सरकार के इस फैसले से आम लोगों की समस्या बढ़ जायेगी, वो कहाँ से पैसे लाएंगे, कैसे अपनी निजी ज़िन्दगी की चीज़ों को ख़रीद पाएंगे, कैसे अपने बच्चों का पालन-पोषण करेंगे, कैसे उनके स्कूल की फ़ीस भरेंगे और न जाने क्या-क्या अपने भाषणों के दौरान केंद्र सरकार के विरोध और आम जनता के हितेशी बनने वाले नेताओं ने क्या ये सोचा होगा कि जिन लोगों के हित में हम बोल रहे एक दिन वही हमें गलत साबित कर देंगे । नोट बंदी के 45-46 वें दिन आयी दंगल फ़िल्म ने कमाई के मामले में कई सुपरहिट फिल्मों को पछाड़ कर रख दिया है वो भी सिर्फ 3 दिन में।अब उन नेताओं से पूछा जाये कि जो आम जनता उनकी निग़ाह में नोट बंदी से परेशां थी अचानक उसके पास पैसे कहाँ से आ गए क्योंकि फिल्मों की कमाई भी तो जनता के पैसों से होती है ऐसा तो नहीं कि आम जनता फ़िल्म देखने न जाये और फ़िल्म कमाई के बड़े-बड़े रिकॉर्ड तोड़ दे । एक दिन में करोड़ों की कमाई करे, भई मोदी जी कहा सिर्फ 50 दिन में स्थिति सामान्य हो जायेगी, और हुआ भी वही दंगल फ़िल्म की कामयाबी ने साबित कर दिया कि स्थिति सामान्य हो चुकी है कही भी आम जनता परेशान नहीं है परेशान तो वो लोग हैं जो काली कमाई को ठिकाने नहीं लगा पा रहें हैं । बौखलाहट में आके वो केंद्र सरकार पर तंज पे तंज कसे जा रहे हैं। ऐसे लोगों पर एक पुरानी कहावत एक दम सटीक बैठती है ।
खीसियानी बिल्ली............................................ कृपया कमेंट करके कहावत को पूरा करें ।
जब आये लब पे तो दुआ कीजिए ।
हमारे लिए भी चंद अल्फाज अपनी जुबां कीजिए ।
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शुक्रिया,,,,,
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