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Ramjaan Shayari - खुदा की इबादत में बरसतीं हैं रहमतें इस महीने में ! मिलता है सुकून रमजान के महीने में ! झुकते हैं तमाम सर खुदा
जब-जब ये सावन आता है ! Sawan Ki Shayari जब-जब ये सावन आता है। काली-काली इन घटाओं में, मौसम की दीवानी इन आदाओं में, खुशबू सी उड़ती इन
जब आये लब पे तो दुआ कीजिए ।
हमारे लिए भी चंद अल्फाज अपनी जुबां कीजिए ।
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शुक्रिया,,,,,
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