Very Sad Shayari क्या चाहतीं थीं वो लाशें

Bejaan padi hain wo jo kai raato se bilak rahi thi,
Tham gayi wo dhadkane jo jhoothe waado se sisak rahi thi,
Main to chun raha tha apni bejaan khwahisho ko,
Kya chahati thi wo laashe jo hatho se chhitak rahi thi,,,,,,,,



बेजान पड़ी हैं वो जो कई रातों से बिलक रहीं थीं,
थम गयीं वो धड़कनें जो झूठे वादों से सिसक रहीं थीं,
मैं तो चुन रहा था अपनी बेजान ख्वाहिशों को
क्या चाहतीं थीं वो लाशें जो हाथों से छिटक रहीं थीं,,
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जब आये लब पे तो दुआ कीजिए ।
हमारे लिए भी चंद अल्फाज अपनी जुबां कीजिए ।

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