यादों की गठरी | Yaad Shayari By Dev Kumar Sadabadi

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 यादों की गठरी रख कर चला गया।
जो भी मिला वो ठग कर चला गया ।

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जब आये लब पे तो दुआ कीजिए ।
हमारे लिए भी चंद अल्फाज अपनी जुबां कीजिए ।

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