काव्यपाठ का सौभाग्य प्राप्त हुआ

हर गुमनाम इंसान की चाहत रहती है कि उसे भी लोग जाने | वो भी कवि, शायर, नेता, अभिनेताओं की लोकप्रिय हो | किसी अखबार में अपना नाम देखकर एक गुमनाम इंसान को बेहद ख़ुशी होती है मुझे भी बहुत ख़ुशी हुयी जब मैंने अपना नाम प्रदेश के सबसे ज्यादा पढ़ें जाने वाले अखबार दैनिक जागरण और अमर उजाला देखा वो भी नगर और जिले के जाने-माने शायर और  कवियों के साथ | खुद की लेखनी को श्रोताओं के साथ सांझा करने का सपना लेखक और कवि का होता है | मेरे जीवन में भी ऐसा दिन आया वो भी इसी वर्ष 24 नवम्बर को मैंने अपने जीवन का पहला काव्यपाठ किया | काव्यपाठ करने के बाद मुझे बहुत ख़ुशी हुयी जिसे मैं शब्दों में वयां नहीं कर सकता | नगर में आयोजित कव्यघोष्टि के दौरान मैंने सरस्वती शुशु मंदिर में अपने काव्य के सफ़र को शुरू किया |


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जब आये लब पे तो दुआ कीजिए ।
हमारे लिए भी चंद अल्फाज अपनी जुबां कीजिए ।

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